350 ऋषि प्रसादः फरवरी 2022

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

…तो जीवनदाता तुम्हारा आत्मा प्रकट हो जायेगा – पूज्य बापू जी


जीवन में विवेक का आदर होने से स्वभाव में असंगता आयेगी । स्वार्थ से संगदोष लगता है और विवेक से संग में रहते हुए भी असंगता आती है । जैसे हवा सबसे मिलती जुलती है फिर भी आकाश में देखो असंग है । आकाश सबसे मिला है फिर भी असंग है, सूर्य सबसे मिला है …

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गहनों का भी गहन – समर्थ रामदास जी


( समर्थ रामदास जी नवमीः 25 फरवरी 2022 ) विश्व में सैंकड़ों भाषाएँ एवं अनेक आध्यात्मिक ग्रंथ हैं । उन सब ग्रंथों का तथा मुख्यतः वेदांत का गहन अर्थ एक ही है, वह है आत्मज्ञान । जो पुराणों से नहीं जाना जाता, जिसका वर्णन करते-करते थक गये वही गुरुकृपा से अब मैं इसी क्षण बतलाता …

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आत्मा में शांत होने का मजा – पूज्य बापू जी


श्रमरहित जीवन, पराश्रयरहित जीवन जीवनदाता से मिलने में सफल हो जाता है । भोग में श्रम है, संसार के सुखों में श्रम है, पराधीनता है किंतु परमात्मसुख में श्रम नहीं है, पराधीनता नहीं है । श्रमरहित अवस्था विश्राम की होती है । श्रीकृष्ण 70 साल के हुए । एकाएक अनजान जगह पर चले गये । …

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