…तो जीवनदाता तुम्हारा आत्मा प्रकट हो जायेगा – पूज्य बापू जी
जीवन में विवेक का आदर होने से स्वभाव में असंगता आयेगी । स्वार्थ से संगदोष लगता है और विवेक से संग में रहते हुए भी असंगता आती है । जैसे हवा सबसे मिलती जुलती है फिर भी आकाश में देखो असंग है । आकाश सबसे मिला है फिर भी असंग है, सूर्य सबसे मिला है …