346 ऋषि प्रसादः अक्टूबर 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ढोंगी ठगों से सावधान बनो – साँईं श्री लीलाशाह जी महाराज


संत असंत पहचानो । ढोंगी लोग क्या करते हैं कि ‘कन्या-मन्याकुर्र… तू मेरा चेला, मैं तेरा गुर्र… रूपये की थैली इधर धर, तू चाहे तरचाहे मर ।’ आज यह हाल है । उन ढोंगी लुटेरों से बचो । गुरु अर्थात्पिता, गुरु होना हँसी की बात है क्या ? अतः ठगों से सावधान बनो ।सत्पुरुष बिल्कुल …

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गुरुमुख जीवन ही जीवन है


जो गुरुमुख जीवन जीते हैं, ब्रह्मवेत्ता संत-सद्गुरु के सिद्धान्त केअनुकूल अपना जीवन बनाते हैं, उनकी आज्ञा में चलते हैं उनकोगुरुमुखता का क्या फल मिलता है और जो संत-सद्गुरु से विमुख वमनमुख हो के जीते हैं उनकी क्या गति होती है, जानते हैं इतिहास केकुछ दृष्टान्तों से ।गुरुमुखता का फलबन गये भगवान के गुरुसांदीपनी तीव्र बुद्धिवाले …

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बालक गृहपति की एकनिष्ठता – पूज्य बापू जी


बालक गृहपति की एकनिष्ठता – पूज्य बापू जीसौ यज्ञों से भी अधिक पुण्य पंचाक्षर मंत्र का जप करते हएशिवमूर्ति पूजन करने से होता है किंतु शिवलिंग का ॐकार मंत्र से पूजनउससे भी अधिक पुण्यदायी है । और अंतरात्मा शिव का एकांत मेंचिंतन करके ध्यानमग्न होना तो जीव को ऐसी ऊँची दशा देता है किपरम आनंदस्वरूप …

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