345 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

लग जाओ बस ! अपने-आप सब सरल हो जाता है – पूज्य बापू जी


लोग बोलते हैं कि ‘आत्मसाक्षात्कार का कोई सरल उपाय बताइये, सरल उपाय बताइये ।’ तो आत्मसाक्षात्कार करके बाद में क्या चाय पीने जाना है, देर होती है क्या ? ‘जल्दी है और सरल उपाय बता दो ।’ तो कोई रेलगाड़ी पकड़नी है क्या ? हजारों जन्मों की यात्रा, हजारों जन्मों कर्मों-बन्धनों का अन्त करके परमात्मा …

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गुरुकृपा से स्वराज्य प्राप्ति – श्रीमद् आद्य शंकराचार्य जी


मैं सबका आत्मा, सर्वरूप, सबसे परे और अद्वितीय हूँ तथा केवल अखंड ज्ञानस्वरूप और निरंतर आनंदरूप हूँ । हे गुरो ! आपकी कृपा और महिमा के प्रसाद से मुझे यह स्वराज्य-साम्राज्य की विभूति प्राप्त हुई है । आप महात्मा को मेरा बारम्बार नमस्कार हो । मैं माया से प्रतीत होने वाले जन्म, जरा और मृत्यु …

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श्री रमण महर्षि के साथ प्रश्नोत्तर


प्रश्नः मनुष्य सच्चे सद्गुरु का निश्चय कैसे कर सकता है ? सद्गुरु का वास्तविक स्वरूप क्या है ? महर्षिः जिनके साथ आपके चित्त का स्वाभाविक मेल हो जाता है वे सद्गुरु हैं । यदि आप पूछें कि ‘सद्गुरु का निश्चय किन लक्षणों से किया जाय ?’ तो इसका उत्तर है कि उनमें शांति, धैर्य, क्षमा …

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