345 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

ऐसा चिंतन करे बुद्धि का विकास ! – पूज्य बापू जी


अपने मन पर लगाम तो होनी चाहिए न ! गाड़ी कितनी भी अच्छी हो परंतु उसमें यदि ब्रेक और स्टीयरिंग नहीं है तो वह गिरा देगी तुम्हारे को । अतः संयम भी होना चाहिए । सुबह नींद में से उठे तो थोड़ी देर चुप बैठे । फिर ऐसा चिंतन करें – आज मैं कभी भी …

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सेवा खोल देती है सफलता का राजमार्ग – पूज्य बापू जी


वे ही लोग संसार में विफल होते हैं जो ज्यादा स्वार्थी होते हैं, जिन्होंने दूसरों की भलाई की नहीं । ऐसा नहीं कि डिग्री नहीं है तो विफल हैं । डिग्री के अभाव का विफलता से कोई लेना-देना नहीं । आप तन से, मन से, मति से अगर दूसरे के कष्ट निवारण में लगते हैं, …

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सर्व दुःखों की निवृत्ति व परमानंद की प्राप्ति कैसे हो ? – पूज्य बापू जी


आत्मसाक्षात्कार का अर्थ क्या होता है ? कि सब दुःखों से सदा के लिए मुक्ति और परमानंद की प्राप्ति । जिससे बढ़कर कोई आनंद नहीं, कोई ऊँचाई नहीं उसकी प्राप्ति को बोलते हैं आत्मसाक्षात्कार ! तो क्या इस उपलब्धि के बाद भूख नहीं लगेगी ? बुखार नहीं आयेगा ? भूख या बुखार मिटाना आत्मानुभव का …

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