345 ऋषि प्रसादः सितम्बर 2021

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

आरती क्यों करते हैं ?


हिन्दुओं के धार्मिक कार्यों में, संध्योपासना तथा किसी भी मांगलिक पूजन में आरती का एक विशेष स्थान है । शास्त्रों में जो आरती को ‘आरात्रिक’ अथवा ‘नीराजन’ भी कहा गया है । पूज्य बापू जी वर्षों से न केवल आरती की महिमा, विधि, उसके वैज्ञानिक महत्त्व  आदि के बारे में बताते रहे हैं बल्कि अपने …

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ईश्वर से आँख-मिचौनी का खेल !


ईश्वर से आँख-मिचौनी का खेल हो रहा है । वह छिपा हुआ है, तुम ढूँढ रहे हो । प्रलयकाल में तुम छिपते हो, वह ढूँढ निकालता है । सृष्टिकाल में वह छिपता है, तुम ढूँढ रहे हो । वह कहाँ छिपा है ? वह ढूँढने वाले में छिपा है । ईश्वर है, यहीं है, अभी …

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…तो परमात्मा स्वयं बेपरदा होने को राजी हो जाते हैं – पूज्य बापू जी


यह पक्का कर लें कि हमारे पास जो कुछ योग्यता है वह किसी की दी हुई है, आपकी अपनी नहीं है । प्रकृति के द्वारा आयी है, परमात्मा के द्वारा आयी है, वातावरण के द्वारा आयी है । आपकी जो योग्यता है वह किसी की दी हुई है और किसी के लिए दी हुई है …

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