महान से महान बना देता है सत्संग – पूज्य बापू जी देवर्षि नारदजी जयंती 27 मई 2021 5 साल का दासीपुत्र था । उसके पिता मर गये थे और विधवा माँ ऐसी थी कि जहाँ कहीं भी काम मिले-बर्तन धोने, झाडू लगाने आदि का, कर लेती थी, पक्की नौकरी नहीं थी । गाँव में संत …
341 ऋषि प्रसादः मई 2021
सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।
…उसी समय हृदय भगवान की कृपा से भर जाता है
प्राणी के अंतःकरण में जिन दोषों के कारण अशुद्धि या मलिनता है वे दोष कहीं बाहर से आये हुए नहीं हैं, स्वयं उसी के द्वारा बनाये हुए हैं । अतः उनको निकालकर अंतःकरण को शुद्ध बनाने में यह सर्वथा स्वतंत्र है । मनुष्य सोचता है और कहता है कि ‘मेरे प्रारब्ध ही कुछ ऐसे हैं …
ऐसे महापुरुष में श्रद्धा हो तो कल्याण हो जाय
महापुरुषों के दर्शन, सत्संग, चिंतन से शांति मिलती है, पाप, पाप-वासनाएँ पलायन और पुण्य, पुण्य-प्रवृत्तियाँ शुरु होने लगती हैं । उनके संग (सत्संग-सान्निध्य) से उनके अनेक गुण-सरलता, शांति, आनंद, समता, ज्ञान, वैराग्य, उपरामता आदि स्वतः ही हमारे में आ जाते हैं । जिसमें जितनी श्रद्धा होगी वह उनता ही महापुरुषों के गुणों को ग्रहण करने …