यह कर लो सारी परेशानियाँ भाग जायेंगी ! – पूज्य बापू जी
एक होती है सत्-वस्तु, दूसरी होती है मिथ्या वस्तु । मन की जो कल्पनाएँ, जो फुरने हैं वह है मिथ्या वस्तु । ‘यह करूँगा तो सुखी होऊँगा’, ‘यह पाऊँगा तो सुखी होऊँगा’, ‘यहाँ जाऊँगा’ तो सुखी होऊँगा’…. इन वस्तुओं में उलझ-उलझकर है आपने अपने जीवन को टुकड़े-टुकड़े कर डाला है । सत्-वस्तु से तात्पर्य है …