शांतिपाठ के अंत में ‘ॐ’ के बाद 3 बार ‘शांति’ उच्चारण क्यों ?
शुभ कार्यों आरम्भ में गाये जाने वाले मंगलाचरण या शांतिपाठ से सुस्पष्ट होता है कि मनुष्यमात्र सुखप्राप्ति और दुःखनिवृत्ति के लिए सदा प्रयत्नशील है । दुःख तीन प्रकार के होते हैं और शांतिपाठ का उद्देश्य इन तीनों प्रकार के दुःखों से मुक्त होने का है । इसी से शांतिपाठ के अंत में ‘ॐ’ के बाद …