खर्चा एक कौड़ी का नहीं और पुण्य हो ढेर सारा ! पूज्य बापू जी
कलियुग का एक विशेष प्रताप है कि मानसिक पुण्य करो तो फलदायी हो जायेगा लेकिन मन से पाप करो तो कलियुग में उस पाप का फल अपने को नहीं मिलेगा । मन में आयाः ‘यह ऐसा है- वैसा है… यह करूँ…. वह करूँ….’ तो पाप नहीं लगेगा, जब तक वह कर्म नहीं किया । और …