संत संग से सधते हैं सब योग-पूज्य बापू जी
सत्पुरुषों का सान्निध्य बड़े भाग्य से मिलता है। कद्र करें न, तो तर जायें। कद्र तो करते हैं लेकिन फिर महापुरुषों से मनचाहा कराना चाहते हैं। मनचाहा नहीं कराना चाहिए, उनके अनुभव में, मार्गदर्शन में स्वयं चलने को तैयार होना चाहिए। मन तो अपने कोई कई जन्मों से भटका रहा है। उसके अनुसार हो तब …