295 ऋषि प्रसादः जुलाई 2017

सांसारिक, आध्यात्मिक उन्नति, उत्तम स्वास्थ्य, साँस्कृतिक शिक्षा, मोक्ष के सोपान – ऋषि प्रसाद। हरि ओम्।

कर याद अपने राज्य की, स्वराज्य निष्कंटक जहाँ !


राजमहल में राजा का 5 वर्ष का पुत्र सोया पड़ा था। एक भील अवसर पाकर बालक को चुरा ले गया और उसके आभूषण उतार के उसे अपने बच्चों के साथ रखा। भील के बच्चे और राजकुमार भील के पास पल रहे थे। राजकुमार बड़ा होता गया। जब युवावस्था में आया तो वह भीलों की तरह …

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आप जो भी हों, जानिये कैसे बन सकते हैं उत्तम ?


बाल्यावस्था वही उत्तम है जो निरर्थक क्रीडाओं एवं संगदोषवश व्यसन-वासनाओं की पूर्ति में भ्रष्ट न होकर विद्याध्ययन में सार्थक हो। युवावस्था वही उत्तम है जिसकी शक्ति से सद्गुणों का विकास हो, सद्ज्ञान का सुंदर  प्रकाश हो। सदाचरण की ही रक्षा हो और धर्मपथ में चलते हुए सत्यानंदघन प्रियतम (परमात्मा) की प्राप्ति ही लक्ष्य हो। जिसकी …

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अमृतवचन…. जो बदल देंगे आपकी जिंदगी


  भगवत्शरण और भगवत्स्मृति, भगवत्कथा तथा भगवज्जनों का संग मनुष्य जीवन से अगर हटा दिये जायें तो मनुष्य जैसा कोई अभागा प्राणी नहीं मिलेगा और ये चार चीजें अगर मनुष्य जीवन में हैं तो उससे बढ़कर कोई जीवन है ही नहीं, था नहीं, हो सकता नहीं ! गीता, गंगा और गाय को महत्त्व देने से …

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