भगवान की भक्तवत्सलता व संत की करुणा-कृपा
कृष्णदास जी का जन्म राजस्थान के ब्राह्म परिवार में हुआ था। वे बचपन से ही बड़े ईश्वर-अनुरागी और साधु-संग प्रेमी थे। उन्होंने आजीवन ब्रह्मचारी रहकर भगवद्-भजन करने का निश्चय किया और रामानंद जी के शिष्य श्री अनंतानंदाचार्यजी से दीक्षा ली। वे गुरु-सान्निध्य में सेवा-साधना करते हुए कुछ काल रहे तथा उसके बाद गुरु-संकेत अनुसार कुल्लू …