स्रष्टा की विश्वलीला में सहायकः देवर्षि नारदजी
(देवर्षि नारदजी जयंतीः 6 मई) कलहप्रिय के रूप में देवर्षि नारदजी की अपकीर्ति है। विरोध बढ़ाकर या किसी के लिए असुविधा की सृष्टि कर वे आनंद का उपभोग करते हैं, इस रूप में कथाएँ पुराणादि में पायी जाती है। उनके नाम का एक व्युत्पत्तिगत अर्थ हैः नारं नरसमूहं कलहेन द्यति खण्डयति इति नारदः। कलह सृष्टि …