ऐसे थे भगवान श्रीराम !
(श्रीरामनवमीः 1 अप्रैल) (पूज्य बापू जी की पावन अमृतवाणी) देवताओं ने देखा कि रावण के उपद्रव से प्रजा बहुत दुःखी है, त्राहिमाम् पुकार रही है। यज्ञ आदि पुण्यकर्म नहीं हो रहे हैं। देवताओं की, पितरों की तृप्ति का कार्य भी रावन नहीं करने देता है। इसलिए देवताओं ने ब्रह्माजी की आराधना की। ब्रह्माजी प्रकट हुए …