संत महिमा
पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू गुजरात में नड़ियाद के पास पेटलाद नामक ग्राम में रमणलाल नाम के एक धर्मात्मा सेठ रहते थे। वे चाहते थे क हमारे पेटलाद में शराब की बोतलें नहीं अपितु हरिनाम की, हरिरस की प्यालियाँ बँटे। साधु संतों के प्रति उनका बड़ा झुकाव था। अति पापियों को तो संत-दर्शन की रुचि …