आत्म-साक्षात्कार – पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू
दिनांकः 14 अक्तूबर 1996 पूज्य श्री के आत्मसाक्षात्कार दिवस पर विशेष नष्टो मोहः स्मृतिर्लब्धा त्वत्प्रसादान्मयाच्युत। स्थितोઽस्मि गतसन्देहः करिष्ये वचनं तव।। ʹहे अच्युत ! आपकी कृपा से मेरा मोह नष्ट हो गया है और मुझे स्मृति प्राप्त हुई है। इसलिए मैं संशयरहित हुआ स्थित हूँ और आपकी आज्ञा का पालन करूँगा।ʹ (गीताः 18.73) आदमी तब तक …