वो भक्त
ही क्या जो तुमसे
मिलने की दुआ ना
करे,
भूल प्रभु
को ज़िन्दा रहूँ
कभी ये खुदा ना
करे,
लगाया
जो रंग भक्ति का
उसे छूटने ना देना,
गुरु
तेरी याद का दामन
कभी छूटने ना देना.
हर सांस
में तुम और तुम्हारा
नाम रहे,
प्रीत
की ये डोरी कभी
टूटने ना देना,
श्रद्धा
की ये डोरी कभी
टूटने ना देना.
बढ़ते
रहें कदम सदा तेरे
ही इशारे पर,
गुरुदेव
तेरी कृपा का सहारा
कभी छूटने ना देना,
सच्चे
बनें और तरक्की
करें हम,
नसीबा
हमारा अब रूठने
ना देना.
प्रेम
का ये रंग हमें
रहे सदा याद,
दूर होकर
हमसे ये कभी घटने
ना देना.
बड़ी मुश्किल
से भरकर रखी है
करुणा तुम्हारी,
बड़ी मुश्किल
से थामकर रखी
है श्रद्धा भक्ति
तुम्हारी,
कृपा
का ये पात्र कभी
फूटने ना देना,
प्रभु
प्रीति कि ये डोर छूटने ना
देना...