कितना
शुभ प्यारा , बापू
नाम तुम्हारा ।
श्री
आसाराम नाम
को , पूजे है
जग सारा ॥
लीला
तुम्हारी
अद्भुत न्यारी
, कैसे - कैसे खेल
हैं ?
रूप
मनुज का लेकर
तुमने , किया
ब्रह्म से
मेल है
साँई लीलाशाह के
नाम का , लेकर
बापू सहारा
कितना
शुभ प्यारा , बापू
नाम तुम्हारा
............
जन्म
से पहले एक सौदागर
, सुंदर झूला लाया
उतरेगा
नक्षत्र अवनी
पर , थाऊमल को
बताया
माँ
मेंहगीबा
की कोख को , धन्य
कहे जग सारा
कितना
शुभ प्यारा , बापू
नाम तुम्हारा
............
नाम
रतन से जिनके केवल
, बनते बिगड़े काम
हैं
योगलीला श्री
आसारामायण
, में पाते विश्राम
हैं
पानी
हो मुक्ति , ले
लो तुम भी सहारा
कितना
"शुभ" प्यारा , बापू
नाम तुम्हारा
............
"शुभ"
चरनन में प्रीत बढे कुछ , ऐसा
करो उपाय
ज्ञान
बढे और घटे
अविद्या , प्रभु
प्रेम हो जाए
मोदीनगर में
बापू , दर्शन मिले
दोबारा
कितना
"शुभ" प्यारा , बापू
नाम तुम्हारा
............
रचना
: अभिषेक मैत्रेय
"शुभ"